ईडी के अधिकारी पहुंचे रायगढ़ कलेक्टर आवास, जांच जारी….

रायगढ़ । ईडी की जांच की आंच प्रदेश के चर्चित आइएएस अफसरों के साथ ही प्रतिष्ठित कारोबारियों तक पहुंच रही है। रायगढ़ में मंगलवार की सुबह ईडी की दो टीमों ने एक साथ कार्रवाई शुरू की। एक टीम सीधे कलेक्टर रानू साहू के सरकारी आवास पर पहुंची, कलेक्टर के शहर से बाहर होने के करण आवास को सील कर दिया गया। दूसरी टीम ने ट्रांसपोर्टर नवनीत तिवारी के संस्थान में दस्तक दी। यहां क्या कार्रवाई हुई इसकी पुष्ट जानकारी नहीं है।
टीम गुरुवार को दोपहर 12 बजे कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित खनिज विभाग में पहुंची और दस्तावेजों की जांच शुरु की, यह जांच शुक्रवार को भी जारी रही। शुक्रवार को कलेक्टर रानू साहू कार्यायल नहीं पहुंची। बताया गया कि उन्होंने ईडी को ई-मेल कर सरकार बंगला खोलने की अपील की है। कलेक्टर पिछले दो-तीन दिनों से सर्किट हाउस में रह रहीं है। शुक्रवार की शाम ईडी के अधिकारी कलेक्टर बंगला पहुंचे। ईडी के अधिकारी और कलेक्टर रानू साहू अलग-अलग गाड़ी से बंगला पहुंचे।
कलेक्टर के स्वास्थ्य गत कारणों से श्ाहर से बाहर होने के कारण ईडी की मंगलवार और बुध्ावार को आंशिक रूप से प्रभावित रही। बुध्ावार की रात कलेक्टर के रायगढ़ लौटने और ईडी को पत्र लिखकर जांच में सहयोग का भरोसा दिलाने के बाद गुरुवार को दोपहर 12 बजे ईडी के एक दर्जन दर्जन से अधिक अधिकारी-कर्मचारी खनिज विभाग में दस्तावेज को खंगालने में जुटे रहे। उम्मीद जताई जार ही थी जांच देर शाम तक पूरी हो जाएगी परंतु जांच का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। टीम के अधिकारी शुक्रवार की शाम तक खनिज विभाग के कार्यालय में ही रहे। ईडी अधिकारी के खनिज विभाग कार्यालय में होने के कारण केंद्रीय सुरक्षा के महिला-पुरूष जवान रात भर बाहर तैनत रहे। लगातार पिछले 30 घंटे से भी अधिक समय तक जांच जारी होने के कारण माना जा रहा है कि कोई बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती हेै। बताया गया कि विभाग के कई कर्मचारियों को अतिरिक्त समय देना पड़ा वहीं कुछ की रोटेशन में सेवा ली गई।
कलेक्टर कार्यालय में पसरा सन्नाटा
ईडी की जांच खनिज विभाग में चलने के के कारण पूरे कलेक्टर कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। अन्य विभागों में अधिकारी-कर्मचारी आए परंतु यहां पहले जैसी चहल-पहल नहीं रही। यहां के अधिकारी-कर्मचारी भी जांच कार्रवाई की चर्चा दबी जुबान से करते रहे। सभी सुनी-सुनाई बातों को हवा देते रहे। जांच के करण आम लोगो की उपस्थिति नहीं रही।