घरों में सजा बाप्पा का दरबार जगह जगह विराजे विघ्नहर्ता…

घरों में सजा बाप्पा का दरबार जगह जगह विराजे विघ्नहर्ता…


खरसिया ।  नगर में गणेशोत्सव की धूम रही और लोगों ने ढोल ताशे और बाजे गाजे के साथ गणपति की प्रतिमा को लेकर विधिविधान से पूजन क्र बाप्पा की स्थापना की । विदित हो की आज से गणेश उत्सव शुरू हो गया है। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर विध्नहर्ता और मंगलमूर्ति भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी कारण से सभी चतुर्थी में इसका विशेष स्थान है। आज से घर-घर और बड़े-बड़े पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करके उनकी विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हो गयी है। भगवान गणेश के भक्त अपने घरों और सार्वजनिक जगहों पर गणेशजी की भव्य प्रतिमाएं स्थापित करके विधि-विधान से पूजा कर रहै हैं। गणेशोत्सव का पर्व 9 सितंबर तक चलेगा। आने वाले 10 दिनों में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हुए भगवान गणपति से जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

इस साल गणेश चतुर्थी पर लंबोदर योग

पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है इस दिन गणपति जी की स्थापना की जाती है। गणेश महोत्सव का पर्व चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर अगले 10 दिनों तक चलता है। विदित हो कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को प्रथम देव गणपति के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी से अगले 10 दिनों तक भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करके उनकी विदाई करके प्रतिमा का विसर्जन करते हैं और अगले साल आने के लिए आमंत्रित करते हैं।

 इस साल की गणेश चतुर्थी है काफी खास

31 अगस्त को पड़ने वाली इस बार की गणेश चतुर्थी काफी खास मानी जा रही है क्योंकि 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव में काफी शुभ योग बन रहे हैं इन दिनों में गणेश जी की पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होगी।

31 अगस्त का दिन गणेश चतुर्थी के लिए इसलिए खास

जानकारों का कहना है कि इस बार 31 अगस्त को वो सारे संयोग बन रहे हैं जो गणेश जी के जन्म के समय बने थे। पंचांग के अनुसार इस दिन बुधवार होने के साथ-साथ चतुर्थी नक्षत्र के साथ दोपहर का समय है जब माता पार्वती ने गणपति जी को बनाया था। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी के बीच ऐसे 7 मुहूर्त बन रहे हैं तो काफी खास माने जाते हैं । माना जा रहा है कि ऐसा मुहूर्त करीब 300 सालों के बाद बन रहा है क्योंकि गणेश उत्सव के दौरान शनि बुध सूर्य और गुरु अपनी ही राशि में विराजमान रहेंगे।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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