नाम को भजकर ही भगवान् की प्राप्ति संभव – श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज

खरसिया । खरसिया नगरी की धन्य धरा पर आयोजित श्रीमद भगवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने बताया कि जन्म लेना और मृत्यु होना मृत मनुष्य के जीवन में 2 सबसे बड़े दुख हैं मनुष्य का जन्म बड़े दुखों के साथ होता है और मृत्यु भी दुखी करती है तो फिर भी मनुष्य यह जानते हुए संसार में सुख और आनंद की तलाश करते हैं वास्तव में उसने अपने जीवन का लक्ष्य कभी परमात्मा को बनाया ही नहीं कथा श्रवण कर यदि मनुष्य आत्म चिंतन कर उस पर अमल करें तो जीवन का अर्थ ही बदल जाएगा । श्रीमद् भागवत कथा में पूज्य कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा पान कराते हुए बताया कि आज मनुष्य अपने लक्ष्य से भटक गया है मनुष्य का लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति होना चाहिए।

मृत्यु होने पर शरीर संसार में ही नष्ट हो जाता है शरीर के रिश्ते केवल संसार तक ही सीमित है और आत्मा को परमात्मा अपने साथ ले जाते हैं जीवन का लक्ष्य केवल परमात्मा की प्राप्ति का होना चाहिए और संसार में रहते हुए शरीर से जो भी कार्य हो रहे हो वह परमात्मा का मानकर करते रहना चाहिए श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने बताया कि कलियुग में भगवान को पाने का सबसे अच्छा तरीका है भगवान की भक्ति। भगवान की भक्ति से ही परमात्मा को पाया जा सकता है और यह भक्ति बिना राधा रानी के प्राप्त होने वाली नहीं है जो निस्वार्थ भाव से भगवान की भक्ति करता है उसे राधा कृष्ण राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है। विदित हो की खरसिया में गर्ग परिवार के द्वारा श्रीमद भागवत कथा का आयोजन २८ अगस्त से कन्या विवाह भवन में कराया जा रहा है ।