विवादों में घिरे बाबा रामदेव,योग गुरु के सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस बयान से मचा बवाल…

क्या कहा था बाबा रामदेव ने….
“एलोपैथी ऐसी बेकार साइंस है कि पहले इनकी हाईड्रोऑक्सीक्लोरोक्विन फेल हो गई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई। फिर एंटीबायोटिक्स इनके फेल हो गए, स्टेरॉयड फेल हो गए। प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी कल बैन लग गया। आइवरमेक्टिन भी फेल हो गई। बुखार के लिए फैबिफ्लू दे रहे हैं, वो भी फेल है।”
एलोपैथी दवाओ को लेकर हुआ विवाद…
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने शनिवार को केन्द्र सरकार से मांग किया कि ‘अज्ञानता भरी’ टिप्पणी करके कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, वहीं हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इस टिप्पणी से इंकार करते हुए इसे ‘गलत’ बताया।
आईएमए ने आरोप लगाया कि रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर तथा आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं। ‘ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें।’
स्वास्थ्य मंत्री से कही ये बात
उसने कहा, ‘आईएमए मांग करती है और यह संकल्प लेती है कि अगर मंत्री हर्षवर्धन स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हमें आम आदमी के समक्ष सच्चाई लाने के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा और न्याय पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।’
वहीं दूसरी ओर बाबा रामदेव के बयान पर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। पुलिस को दी गई शिकायत के साथ सौंपे गए बयान में डीएमए ने आरोप लगाया है, ‘संकट की इस घड़ी में पूरा देश महामारी के खिलाफ लड़ रहा है, अपना और अपने परिवार की जान जोखिम में डाल रहा है, जो संसाधन हैं, उन्हीं के बल पर मुकाबला कर रहा है। बाबा रामदेव ने निजी हित के लिए मेडिकल साइंस और मेडिकल पेशे की धज्जियां उड़ायी हैं।
इस act के तहत हो कार्रवाई…
रामदेव ने आगे कहा, “लोग कह रहे हैं कि यह क्या तमाशा हो रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप बॉडी का तापमान उतार देते हो, लेकिन शरीर के अंदर उस वायरस को खत्म नहीं कर रहे हो। जिस कारण बुखार हो रहा है उसका तो निवारण तुम्हारे पास है नहीं। इसलिए मैं जो बात कह रहा हूं, उस पर हो सकता है कि कुछ लोग इस पर बड़ा विवाद करें। लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। जितने लोगों की मौत हॉस्पिटल न जाने और ऑक्सीजन न मिलने से हुई है, उससे ज्यादा मौतें एलोपैथी की वजह से हुई है। स्टेरॉयड की वजह से हुई है।”
एसोसिएशन ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि झूठी जानकारी फैला रहे इस तरह की वीडियो पर लगाम लगाई जाए। एसोसिएशन ने कहा, ‘रामदेव के खिलाफ महामारी अधिनियम, 1987 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। हम उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग करते हैं. ऐसा न होने पर हम विरोध प्रदर्शन का आह्वान करेंगे।’
बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर दिए विवादित बयान लिया वापस, वाट्सएप मैसेज को दिया दोष…
योग गुरु बाबा रामदेव ने डॉ. हर्षवर्धन कोगू पत्र लिखकर कहा, ”हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तथा एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं. हम यह मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली तथा शल्य चिकित्सा के विज्ञान में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है. मेरा जो बयान कोट किया गया है, वह एक कार्यकर्ता बैठक का है, जिसमें मैंने आए हुए वॉट्सऐप मैसेज को पढ़कर सुनाया था. उससे अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मुझे खेद है.”

रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र को ट्वीट करते हुए कहा, ”माननीय डॉ. हर्षवर्धन जी, आपका पत्र प्राप्त हुआ. उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं.” योग गुरु ने पत्र में आगे कहा है कि यदि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने चेचक, पोलियो एवं टीबी आदि गंभीर रोगों का इलाज खोजा है तो योग, आयुर्वेद आदि द्वारा हमने बीपी, शुगर, थायराइड, अर्थराइटिस, लिवर आदि का स्थाई समाधान दिया है. हमने भी आयुर्वेद एवं योग के प्रयोग से करोड़ों लोगों की जान बचाई है, जिसका सम्मान होना चाहिए.”
रामदेव ने आखिर में लेटर में लिखा है कि आगे भी कोरोना और कोरोना के कॉम्प्लिकेशंस से लड़ने के लिए तथा पूरी मानवता को रोक मुक्ति करने के लिए सब पद्धतियों के समन्वय से मानवता की सेवा करने के हम पक्षधर हैं और हमेशा रहेंगे।