छत्तीसगढ़ में मास्क नहीं लगाने पर देना होगा जुर्माना, लोग भूल गए मास्क पहनना….

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। प्रशासन द्वारा लगातार समझाया जा रहा है कि व्यापारियों, ग्राहकों व अन्य लोगों को मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना है। लेकिन लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी पालन कर रहे हैं। पड़ोसी राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद फिर से कड़ाई की जरूरत महसूस की जाने लगी है। शहर में बिना मास्क लोग बाजार में पहुंच रहे हैं। वाहन चालकों में भी यही लापरवाही देखी जा रही है। भीड़ वाले इलाकों में भी लोग बेखौफ आ-जा रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बना ही है। दरअसल, टीकाकरण के बाद से लोगों में बेपरवाही बढ़ी है। मरीज मिलने की संख्या घटने के साथ ही लोगों ने यह मानकर सावधानी बरतनी बंद कर दी कि कोरोना का खतरा टल गया है। यह भारी पड़ सकती है। पहले प्रशासन ने मास्क की अनिवार्यता के लिए अभियान चलाया जाता था। बिना मास्क के घूमने वाले लोगों पर कारवाई भी की जाती थी, जुर्माना किया जाता था। लेकिन कुछ माह से कार्रवाई बंद है, जिससे लोग बेखैफ हो गए हैं।

मंगलवार को 10 लोगों ने कोरोना को मात दी और इतने ही नए मरीज मिले। राहत की बात यह है कि पिछले करीब 20 दिनों से कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। शहर के एक कनिजी स्कूल लमें काोरेराोेना का हफ्तेभर से कहर चल रहा था। हालांकि मंगलवार को जो 10 नए मरीीज मिले, उनमें से स्कूल काका कोईई नहीं है। शहर में कुल छह मरीज चिन्हित किए गए। उनमें दीनदयाल कालोनी, महेश नगर, लालबाग, ममतानगर में एक-एक व मानव मंदिर चौक के दो मरीज शामिल हैं। इसके अलावा राजनांदगांव ग्रामीण से दो, छुईखदान व अन्य क्षेत्र से एक-एक नए मरीज मिले हैं। जिले में कोरोना संक्रमण की दर एक बार फिर संतुलन में आ गई है। मंगलवार को यह मात्र 0.50 रही। दिनभर में कुल 1752 लोगों का सैंपल टेस्ट किया गया। रैपिड एंटीजन के रूप में 1179 जांच की गई। इसी में छह पाजिटिव पाए गए।