डॉ राम विजय शर्मा को आदिवासी महाकवि कालिदास पंडो सम्मान से नवाजा गया

चांपा। विगत दिनों डॉ विजय शर्मा शोधकर्ता, इतिहासकार, साहित्यकार, तहसीलदार, को हिंदी अखबार “प्रमुख वक्ता” द्वारा बलौदा तहसील के चांदी पहाड़ पर हनुमान मंदिर परिसर में ‘आदिवासी महाकवि कालिदास पंडो सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान डॉ राम विजय शर्मा को आदिवासी महाकवि कालिदास के विचारों तथा उद्देश्य एवं आदिवासी संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदर्शित किया गया। सम्मान पत्र “प्रमुख वक्ता” हिंदी अखबार के प्रधान संपादक श्री कुलवंत सिंह सलूजा के कर कमलों द्वारा प्रदर्शित किया गया, उल्लेखनीय है कि डॉ शर्मा ने आदिवासी महाकवि कालिदास पंडो पर गहन शोध किया है, उनके शोध पत्र का कई अंतरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशन हुआ है। उन्होंने प्रमाणित किया है कि आदिवासी महाकवि कालिदास का जन्म 15 नवंबर 350 ई. को तथा निधन 15 मार्च 450 ई. को हुआ था। उनके पिता का नाम शिवदास पंडो और माता का नाम तारादेवी तथा उनका एक पुत्र था जिनका नाम भरत पंडो था। वे संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य विद्वान थे तथा उन्होंने कई नाटकों तथा महाकाव्य की रचना की, उनके ग्रंथों में आदिवासी संस्कृति का विवरण उपलब्ध है। वे न केवल विश्वस्तरीय नाटककार तथा कवि थे, बल्कि महान आदिवासी संत भी थे। वे दया तथा प्रेम से ओतप्रोत भी थे। उन्होंने उस समय के उपेक्षित समाज यक्ष यक्षिणी को केंद्र बिंदु बनाकर मेघदूत की रचना की। उनके ग्यारह उपदेश हैं जो आदिवासी समाज के साथ-साथ सभी समाज एवं विश्व के लोगों के लिए अनुकरणीय है, उनके उपदेश ईस प्रकार हैं:-
1. जल जंगल और जमीन की रक्षा करो। 2. पहाड़ नदी और जंगल की पूजा करो। 3. बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दो और संस्कृत शिक्षा पर सबसे अधिक ध्यान दो। 4. पत्नी को कटु वचन मत बोलो। 5. पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट मत करो। 6. पशु पक्षियों के साथ क्रूरता मत करो और उनका पालन पोषण करो। 7. आदिवासी समाज वनचर समाज की बोली भाषा की रक्षा करो। 8. गरीब आदिवासियों की सभी आदिवासी समाज मिलकर मदद करो। 9. वृद्धजनों के वचन का सम्मान करो। 10. सभी स्त्री का सम्मान करो। 11. घायल और बीमार मनुष्य और पशु पक्षियों की सेवा करो।
इस अवसर पर चांदी पहाड़ के हनुमान मंदिर और गौशाला के प्रबंधक स्वामी रामचरण दास जी एवं बाराद्वार के सामाजिक कार्यकर्ता बृज महंत को भी आदिवासी महाकवि कालिदास पंडो सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य प्रमुख व्यक्तियों को भी सम्मान पत्र दिए जाने की घोषणा की गई, जो समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। उन्हें भारत सम्मान रायगढ़ के ब्यूरो चीफ श्री कैलाश आचार्य, श्री पुखराज यादव प्राज गरियाबंद, युवा पत्रकार श्री डिग्रिलाल जगत खरसिया, श्री गोपाल प्रसाद राठौर जांजगीर, खरसिया के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सोम कुमार वहीदार, खरसिया के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर प्रसाद राठौर, वरिष्ठ साहित्यकार श्री देवधर महंत झरना, खरसिया के पत्रकार सुनील अग्रवाल, अजय अग्रवाल, बमनिडिही के सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजकुमार पटेल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुबेर सिंह बमनिडिही, सूर्य प्रताप शर्मा विधि छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय,चन्द्र प्रताप शर्मा विधि छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय,कु आस्था बल शर्मा विधि की छात्रा पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, क्रांतिदिल राय, किरण बल राय, आलोक राय, निखिल राय आदि शामिल है।