स्विस वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक के जरिए 18 कैरेट का सोना बनाया, यह 10 गुना हल्का

लंदन। पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे प्लास्टिक से ईंधन और सड़कें बनाने जैसे बहुत से प्रयोग हो चुके हैं। लेकिन, दुनिया में पहली बार स्विस वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक के जरिए सोना बनाने में सफलता हासिल की है। प्लास्टिक के मैट्रिक्स को मिश्र धातु के रूप में इस्तेमाल कर बनाया गया 18 कैरेट का यह सोना वजन में भी काफी हल्का है और इसकी चमक भी असली सोने जैसी ही है। इसे आसानी से पॉलिश भी किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हल्का होने के कारण यह सोने की घड़ियों और ज्वैलरी के रूप में काफी लोकप्रिय होगा। यह शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है।स्विस विश्वविद्यालय ईटीएच ज्यूरिख के वैज्ञानिक राफेल मेजेन्गा ने बताया कि सोने का जो नया रूप विकसित किया है, उसका वजन पारंपरिक 18 कैरेट सोने से लगभग दस गुना कम है। पारंपरिक मिश्रण में आमतौर पर तीन-चौथाई सोना और एक चौथाई तांबा होता है, जिसका घनत्व लगभग 15 ग्राम / सेमी3 होता है। पर प्लास्टिक से बनाए गए इस सोने का घनत्व सिर्फ 1.7 ग्राम / सेमी3 है। फिर भी यह 18 कैरेट का सोना है। इसे बनाने के लिए प्रोटीन फाइबर और एक पॉलिमर लेटेक्स का इस्तेमाल किया। इसमें पहले सोने के नैनोक्रिस्टल की पतली डिस्क को रखा गया। पहले पानी औरबाद में अल्काेहल के जरिए इसका घाेल तैयार किया। इस घाेल काे कार्बन डाइअाॅक्साइड गैस के उच्च दबाव से प्रवाहित कर इसे ठाेस अाकार में बदला गया। शोधकर्ताओं ने इसे बनाने की प्रक्रिया और सामग्री दाेनों के लिए पेटेंट का आवेदन कर दिया है।
दुनिया के हर शख्स पर 1.2 टन हानिकारक प्लास्टिक का बोझ
अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की हालिया रिसर्च के मुताबिक धरती पर करीब 9.1 अरब टन प्लास्टिक है। इस समय दुनिया की आबादी करीब 7.6 अरब है। यानी हर व्यक्ति के हिस्से में लगभग 1.2 टन का प्लास्टिक है। माइक्रोप्लास्टिक के हानिकारक केमिकल शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। हर इंसान प्रतिदिन अनजाने में माइक्रोप्लास्टिक के 200 टुकड़े खा जाता है। इसके कारण आंतों में इंफेक्शन फैल रहा है, इससे आम आदमी किसी न किसी बीमारी का शिकार होता है और इनमें सबसे ज्यादा पेट की बीमारी शामिल है।