हिलाओं और स्कूली छात्राओं के साथ हो रहे अत्याचार और अपराध के रोकथाम और अपराधियों को कड़ी सजा देने को लेकर देशभर में एक ओर जहा बहस जारी है। वही दूसरी तरफ बालको का सिक्योरिटी विभाग इन सारे कानून का माखौल उड़ाने में लगा हुआ है। ताजा मामला बालको के सिक्यूरिटी विभाग का है जहाँ अपने बड़े अफसर के कहने पर स्कूली छात्रा का मोबाईल में फोटो खींचने का है दरअसल पूरा मामला बालको थाना क्षेत्र में संचालित एक स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ हुए घटनाक्रम से जुड़ा हुआ है। बालको के निजी सुरक्षा कर्मियों की माने तो बालको के सिक्योरिटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर पिछले दिनों एक सिक्योरिटी गार्ड ने स्कूली छात्रा का फोटो खींचने स्कूल परिसर के पास पहुंच गया, और सिक्योरिटी गार्ड ने अपने मित्र के लड़के को मोबाइल देकर उक्त स्कूली छात्रा का फोटो खिंचने भेज दिया तभी छात्रा ने फोटो खिंचाने से मना कर दिया और मामले की जानकारी पीड़ित छात्रा ने अपने परिजनों को दी, तब पूरे घटनाक्रम ने तूल पकड़ लिया। पीड़िता के परिजनों ने इसकी शिकायत उसी सेक्युरिटी अफसर से का दी तभी बवाल को बढ़ता देख फोटो खींचने वाले संबंधित गार्ड को आनन-फानन में सिक्यूरिटी विभाग ने निलंबित कर काम से बाहर कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम के मुख्य सूत्रधार सिक्योरिटी अफसर ने किस ध्येय के साथ स्कूली छात्रा का फोटो खींचने का आदेश सिक्योरिटी गार्ड को दिया था, ये तो वे ही बेहतर जानते है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि जिस सिक्यूरिटी विभाग पर संयंत्र, प्रबंधन व सोसायटी की सुरक्षा का जिम्मा है, उसी विभाग के जवाबदार अफसर महिला सुरक्षा का माखौल उड़ा रहे है। इस पूरे मामले में सिक्योरिटी अफसर ने खुद को बचाने के लिए जहां संबंधित गार्ड को निलंबित कर दिया है। वही दूसरी तरफ निलंबित गार्ड ने इस पूरे मामले की शिकायत जब श्रमिक संगठन में कर दी, तब जाकर बालको प्रबंधन के जवाबदार अफसर एक बार फिर बैकफूट पर नजर आ रहे है और उन्होने जवाबदार सिक्योरिटी अफसर को बचाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड को कुछ दिनो बाद फिर से काम पर वापस ले लेने का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि इस पूरे घटनाक्रम को तूल पकड़ता देख अब बालको के जवाबदार सिक्योरिटी अफसर एक कर्मी के फर्जी नाम पर नौकरी करने की जांच करने की बात कह रहे है। फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में बालको के जवाबदार अफसर पीड़ित छात्रा के परिजन और निलंबित गार्ड को साधने में लगे हुए है, ताकि मामला पुलिस थाने तक न पहुंच सके। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि निलंबित गार्ड केा बालको प्रबंधन कब तक नौकरी पर दोबारा रखता है ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगाबालको के जिम्मेदार अफसर खामोश क्योयहां यह बताना लाज़मी होगा कि बालको प्रबंधन यह सब कुछ जानते हुए भी इतने गंभीर मामले में चुप्पी साधे हुए है जबकि अगर मामला तूल पकड़ता है तो बालको प्रबंधन भी उतना ही जिम्मेदार है जितना कि मामले का सूत्रधार सेक्युरिटी अफसर फिर आखिर उस सेक्युरिटी अफसर को बचाने का प्रयास क्यो कही बालको को उस छात्रा की सुरक्षा से ज्यादा अपने शान की फिक्र तो नही है अगर ऐसा नही है तो बालको को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए