इस भाजपा नेत्री ने दिए प्रदेश में रेप के ये आंकड़े और कहा-अन्य प्रदेशों की तरह छग भी ….

राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अल्पसंख्यक मोर्चा और उर्दु अकादमी की पुर्व उपाध्यक्ष श्रीमती नज़मा अज़ीम खान ने गंभीर अपराधों के मद्देनजर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर उन्हे घेरते हुए लगातार हो रहे महिलाओं के साथ हिंसक अपराधों पर रोकथाम में प्रदेश सरकार की विफलता को निंदनीय कहा है।
श्रीमती खान ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तरह अब छत्तीसगढ़ में भी महिलाएं असुरक्षित हो चली हैं और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और जलाकर मार देने जैसी हिंसक व वीभत्स वारदातों में इजाफा होता जा रहा है। यह प्रदेश में कानून-व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा जैसे संजीदा मोर्चे पर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की घोर विफलता है। शनिवार को बिलासपुर के सरकंडा थाना इलाके में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ और अगले दिन रविवार को सरगुजा के बलरामपुर में एक महिला की जली हुई लाश मिली। सोमवार को राजधानी से लगे माना में एक महिला व मासूम बच्चे की जली हुईं लाशें मिलीं। पुलिस प्रशासन इन मामलों की तह तक पूरी तरह पहुंचा ही नहीं कि बुधवार को बिलासपुर के मरवाही थाना क्षेत्र में फिर एक युवती से चार युवकों ने दुष्कर्म करने का प्रयास किया। बुधवार को एक और घटना में युवती सकुशल इसलिए बच पाई क्योंकि एक 63 वर्षीय बुजुर्ग सज्जन उदल दास ने आरोपियों के चंगुल से युवती को छुड़ाया । इस दौरान विवाद के चलते जब युवती वहां से भाग निकली तो आरोपियों ने बुजुर्ग दास से जमकर मारपीट की। इस घटना का सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि बुजुर्ग की नामजद रिपोर्ट के बाद भी एक तो पुलिस ने मामूली धाराओं में अपराध दर्ज नही किया और दूसरे अब तक इस मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ महिला सुरक्षा को लेकर पूरा देश उबल रहा है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ इस तरह की हिंसक व यौन वारदातों की कड़ी के बावजूद न तो प्रदेश सरकार के कानों पर जूं रेंग रही है और न ही पुलिस प्रशासन महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। युवती की इज्जत बचाने वाले बुजुर्ग की नामजद रिपोर्ट के बावजूद रास्ता रोककर धमकी देने व मामूली मारपीट की धाराएं लगाकर पुलिस ने यह बता दिया है कि वह और सरकार महिला सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं? उन्होंने आज की घटना पर बहुत ही दुखद होते कहा की दो लड़कियों की हत्या अब पानी सर से ऊपर हो गया है अगर सरकार जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है इस मामले में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, लापरवाही बरतने वाले पुलिस स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई और महिला सुरक्षा के विषय पर सख्ती से पेश आने की मांग की।