गरीबों को एक दिन में अस्सी लाख देने का फरमान, वरना …….. बड़ा खुलासा !!बड़ा सच !!!

गरीबों को एक दिन में अस्सी लाख देने का फरमान, वरना …….. बड़ा खुलासा !!बड़ा सच !!!

सरकार ने गरीबो के आशियाने पर बुलडोजर चलाने का नायाब नुस्खा आजमाया है। पहले पट्टा देने का प्रलोभन दे कर गरीबो की सहमति और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर ले कर उनके आशियानों की नाप जोख की और जब प्रदेश भर में सारा डाटा इकट्ठा हो गया तो गरीबो को 15 से 80 लाख का नोटिस भेज दिया। नोटिस में साफ लिख दिया – राशि का भुगतान नहीं किया गया तो अतिक्रमण हटाने अर्थात घरों पर बुलडोजर चला दी जाएगी। रायगढ़ जिले के अफसरों की माने तो उन्हें सरकार ने इस माध्यम से 150 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया है। भाजपा ने इस मुद्दे पर तल्ख तेवर अपनाया है और कहा है कि जनविरोधी भपेश सरकार की मंशा उजागर हो गयी है । गरीबों को अस्सी लाख देने का नोटिस दिया गया है और उसे दूसरे दिन देना भी है।

उक्ताशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा नेता आलोक सिंह ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन ने प्रदेश को जिस तरीके से साल भर के भीतर ही कर्जे के बोझ तले दबा दिया है उससे उबारने के लिए सरकार ने गरीब गुरबा से न केवल धोखाधड़ी का सहारा लिया वरन अब सरकारी फरमान लठैतों की भूमिका में है। सोचने वाली बात है कि सरकार ही जब झूठ बोल कर उगाही का तरीका स्तेमाल करने लगे तो आम आदमी किस पर भरोसा करेगा ?

विज्ञप्ति के माध्यम से खुलासा किया गया है कि बैकुंठपुर निवासी खीर दयाल पटेल और इंदिरा नगर निवासी ईश्वर देवांगन ही नही शहर के सैकड़ो लोग आज सकते में है। खीर दयाल को 79 लाख 65 हजार 900 रुपये तो ईश्वर देवांगन को 44 लाख 90 हजार 923 रुपये सरकारी खजाने में जमा करने का नोटिस मिला है। न पटाने पर उनका मकान तोड़ने की नोटिस मिली है। चांदमारी के निरंजन होता को लगभग 16 लाख और समारू बसोड़ को 20 लाख से ज्यादा की रकम जमा करने की नोटिस ने घर का चूल्हा नही जलने दिया। फिलहाल ऐसे 200 लोगो को नोटिस मिल चुका है और बाकियों को भी नोटिस मिलना बाकी है। इन लोगो को भूपेश सरकार ने घर की नाप जोख करवाने पर नजूल पट्टा देने का वायदा किया था जिसपर भरोसा करते हुए इन्होंने स्वयं आरआई और पटवारी की मिन्नतें की और खुद कब्जे की बात स्वीकारने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए घर की नाप जोख करवाई थी। कोई मजदूर है तो कोई छोटे मोटे काम कर जीवन यापन करता है। अब सरकारी नोटिस ने इनके होश फाख्ता कर दिए है। वो उस क्षण को कोस रहे है जब उन्होंने सरकार पर भरोसा किया था। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि दशकों पहले उनके पुरखो ने जिस आशियाने को बनाया था उस आशियाने पर अब सरकार बुलडोजर चलाएगी।

आलोक सिंह ने कहा है कि सरकारी अफसर 700 फिट पर दस रुपये की दर से पैसा ले कर पट्टा देने की बात कह रहे है वही उनका कहना है कि उससे ऊपर के कब्जाधारियों को सरकारी दर पर पैसा पटाना होगा अन्यथा उनके घर तोड़ दिए जाएंगे । यहां प्रश्न यह है कि सरकार की नीयत में खोट नही थी तो सरकार ने यह पहले क्यो नही कहा ? रायगढ़ में पदस्थ अपर कलेक्टर आर ए कुरुवंशी ने कहा है कि सरकार ने रायगढ़ में 150 करोड़ का लक्ष्य दिया है। लक्ष्य देना ही सरकार की नीयत का पर्दाफाश करता है। एक प्रश्न यह भी कि जो पैसा लिया जाना है वो मार्केट की गाइडलाइन से तय किया गया है। जबकि सभी जानते है कि इन दिनों जमीनों के रेट में आई नरमी सरकारी दर से बेहद नीचे है। ऐसे में गरीब गुरबा से सरकार वास्तविक कीमत से ज्यादा कीमत वसूल कर सरकारी खजाने की फांकाकशी दूर करना चाहती है। जहां तक 700 फिट पर 10 रुपये फुट राशि जमा कर पट्टा देने की बात है तो अब लोग सरकार की इस बात पर कैसे भरोसा करेंगे। जिन्होंने अपने घर का सीमांकन अभी नही कराया है वो भला किस भरोसे पर सीमांकन कराने आरआई पटवारी के पास जाएंगे।

सरकारी कम्पनियों से शेयर कम करने या रख रखाव का ठेका देने पर कांग्रेस मोदी सरकार को अक्सर घेरने का प्रयास करती रही है। अब इस जमीन बेचवा भूपेश सरकार के जबाब देने की बारी है। कांग्रेस अपनी सरकार से इस बाबत सवाल पूछे और बताये कि अभी तो सरकारी खजाने को भरने के लिए जमीन बेची जा रही है इसके बाद सरकार की नजर किसपर है । अगली बार वो क्या क्या बेचने की तैयारी कर रही है ?

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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