भारतीय सेना की पहली महिला न्यायाधीश नियुक्त हुईं लेफ्टिनेट कर्नल ज्योति शर्मा

दिल्ली।

शादीशुदा महिलाओं का सेना में प्रतिबंध
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने अपनी कानूनी शाखा न्यायाधीश एडवोकेट जनरल में आवेदन करने के लिए विवाहित महिलाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इसे लेकर अदालत में याचिका भी दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में सेना ने अपने पक्ष को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि सेना चाहती है कि महिलाए कठिन ट्रेनिंग को बिना किसी छुट्टी के पूरा करें। बता दें कि इस मामले में कानून की छात्रा कुश कालरा ने अदालत में याचिका दाखिल कर सेना से जवाब मांगा था। जिसपर जवाब देते हुए सेना की ओर से कहा गया कि विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण कारणों से प्रतिबंधित किया गया है। क्योंकि शादी के बाद उन्हें लंबी छुट्टियों की आवश्यकता होती है। ऐसे में शादी के बाद वो प्री कमीशनिंग ट्रेनिंग पूरी नहीं कर सकती हैं। हालांकि ये सिर्फ एडवोकेट जनरल के पद तक ही सीमित नहींए है बल्कि सेना के किसी भी विभाग में शादीशुदा लड़कियों को नौकरी नहीं दी जा सकती है।