महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर कैबिनेट की मुहर..! सुप्रीम कोर्ट गई शिवसेना

महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट सुलझता नहीं दिख रहा। यहां गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने NCP को सरकार बनाने का न्योता दिया है। पार्टी के पास मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक का वक्त दिया है लेकिन अब खबर आ रही है कि गवर्नर ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है। 20 दिनों से यहां सरकार बनाने की कोशिश चल रही है लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट हल नहीं दिख रहा, ऐसे में क्या सच में इस अहम राज्य के सामने राष्ट्रपति शासन का ही रास्ता बच गया है?
खबर के मुताबिक, गवर्नर ने केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का सुझाव भेज दिया है। गवर्नर ने अपने रेकेमेंडेशन में कहा है कि राज्य में कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना ही एक विकल्प है। सिफारिश भेजने के बाद गवर्नर आज शाम तक का इंतजार करेंगे, अगर एनसीपी तब तक बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। इसे लेकर प्रधानमंत्री के निवास पर कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग हुई है, जिसमें सिफारिश को अप्रूव कर दिया गया है।
शिवसेना ने इस सिफारिश पर आपत्ति जताई है। पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर सवाल किया है कि जब एनसीपी को अभी वक्त दिया गया है, तो ऐसे में गवर्नर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश केंद्र के पास कैसे भेज सकते हैं?शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी ने सिफारिश के खिलाफ एक याचिका दाखिल की है। शिवसेना ने याचिका में दलील दी है कि उसे समर्थन पत्र पेश करने के लिए 72 घंटों का वक्त नहीं दिया गया है, उसके पास बस 24 घंटों का वक्त था।