छत्तीसगढ़ में दो कलेक्टरों पर कांग्रेस के गंभीर आरोप…

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान धमतरी में महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द किए जाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कलेक्टर धमतरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया है कि, कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन फ़ार्म षड्यंत्रपूर्वक सीएम के निर्देश पर रद्द किया गया। धमतरी कलेक्टर ने अवैधानिक तरीके से उनका नामांकन निरस्त कर दिया।
मामले को गांधी वध से जोड़ा कांग्रेस ने
धमतरी में कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने के फैसले को कांग्रेस ने महात्मा गांधी की हत्या से जोड़ा है। पीसीसी चीफ बैज ने कहा -“30 जनवरी को जिस विचारधारा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या किया था, उसी विचारधारा ने एक बार फिर से 30 जनवरी को ही धमतरी में लोकतंत्र की हत्या की है।” दीपक बैज ने आरोप लगाया है किरण बीजेपी सत्ता का दुरपयोग करते हुए स्थानीय निकाय चुनावों को भरपूर प्रभावित कर रही है। दीपक बैज ने कहा- “29 जनवरी की रात का धमतरी कलेक्टर के मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल सार्वजनिक किया जाए, स्पष्ट हो जाएगा कि सीएम हाउस से उन्हें फ़ोन गया था या नहीं गया था। धमतरी कलेक्टर बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। कांग्रेस की निर्वाचन आयोग से मांग है कि, धमतरी कलेक्टर को तत्काल हटाया जाए।”
बीजेपी ने शिकायत की थी
बीजेपी की ओर से यह शिकायत की गई थी कि, विजय गोलछा निगम में पंजीकृत ठेकेदार हैं और उनको जो काम आबंटित हुआ था वह अब मेनटेनेंस की परिधि में है, जिसके लिए दस प्रतिशत की राशि भी निगम में जमा रखी गई है। इस शिकायत के आधार पर निर्वाचन अधिकारी इंदिरा नवीन सिंह ने मामले की सुनवाई की और विजय गोलछा का नामांकन पत्र नियमों के विपरीत पाते हुए निरस्त कर दिया।
कांग्रेस की दलील
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस फ़ैसले को दूषित और प्रायोजित बताते हुए कहा है कि विजय गोलछा नगर निगम धमतरी के पंजीकृत ठेकेदार नहीं है, वे पीडब्ल्यूडी के पंजीकृत ठेकेदार हैं। जहां तक निगम के काम का सवाल है, वह काम एक वर्ष पूर्व लिया गया था जो कि पूरा हो चुका है, और उसकी एनओसी भी निगम दे चुकी है।
कांग्रेस ने बिलासपुर कलेक्टर को भी घेरा
कांग्रेस ने बिलासपुर निगम के लिए बीजेपी की मेयर प्रत्याशी पूजा विधानी के मुद्दे को उठाते हुए कलेक्टर बिलासपुर पर भी आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि, बीजेपी प्रत्याशी पूजा विधानी का मूल नाम एल पद्मजा है। उन्हें तेलुगु समाज का माना जाता था। उन्होंने उड़िया समाज का होने और खुद को ओबीसी वर्ग का बताते हुए नामांकन भरा। पूजा विधानी पास ओबीसी समुदाय का प्रमाणपत्र और दस्तावेज छत्तीसगढ़ का नहीं है। कांग्रेस की ओर से इस विषय पर आपत्ति की गई लेकिन तथ्य और तर्कपूर्ण आपत्ति को सरकार और बीजेपी नेताओं के दबाव में बिलासपुर कलेक्टर ने दरकिनार कर दिया। पीसीसी चीफ बैज ने कहा- “राज्य के बाहर के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर न चुनाव लड़ा जा सकता है और ना ही नौकरी के लिए पात्र माना जाता है, लेकिन चूंकि पूजा विधानी बीजेपी प्रत्याशी हैं इसलिए उनका जाति प्रमाण पत्र अवैध तरीके से स्वीकार कर लिया गया।”
बिलासपुर के रिटर्निंग ऑफ़िसर ने कहा
बिलासपुर की बीजेपी प्रत्याशी पूजा विधानी के मसले पर कांग्रेस की आपत्ति को रिटर्निंग अधिकारी आर ए कुरुवंशी ने यह कहते हुए खारिज किया कि, कांग्रेस आपत्ति के समर्थन में कोई लिखित आधार पेश नहीं कर पाई, साथ ही जाति प्रमाण पत्र का मसला छानबीन समिति का होता है।
कांग्रेस को लगातार झटके
नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को उसके अपने पार्षद प्रत्याशियों से करारे झटके मिले हैं। कटघोरा के वार्ड नंबर 15 में कांग्रेस प्रत्याशी समेत किसी ने भी नामांकन ही दाखिल नहीं किया जिससे बीजेपी निर्विरोध जीत गई। यही मसला दंतेवाड़ा के बारसूर में हो गया, बिलासपुर के वार्ड 13 में कांग्रेस और आप प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त हो गया और यहां से बीजेपी निर्विरोध निर्वाचित हो गई। कोरबा के वार्ड नंबर 18 में बीजेपी पार्षद तब निर्विरोध निर्वाचित हो गए जब कांग्रेस प्रत्याशी ने अचानक नाम वापस ले लिया। कोरबा के इस वार्ड क्रमांक 18 से बीजेपी सरकार में मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई बीजेपी के प्रत्याशी थे जो अब पार्षद हो चुके हैं।