Waqf: वक्फ पर JPC बैठक में जमकर बवाल, निशिकांत दुबे और कल्याण बनर्जी में हुई तीखी नोकझोंक, ओवैसी समेत 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड…

वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में एक बार फिर जमकर बवाल हो गया है। वक्फ बिल को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति की शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पूछा कि बैठक को इतनी जल्दबाजी में क्यों बुलाया जा रहा है।
इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। हालात यह हो गई कि मार्सल को बुलाना पड़ा। इसके बाद बैठक को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया। जेपीसी कमेटी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कल्याण बनर्जी-ओवैसी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ है। इससे पहले भी इस बैठक में विवाद हो चुके हैं। वक्फ पर बनी जेपीसी की यह बैठक दो दिन तक चलेगी।
दरअसल वक्फ पर बनी जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामे के पीछे का मुख्य कारण समिति के सदस्यों की ये मांग थी कि रिपोर्ट एडॉप्ट की तारीख को 31 जनवरी किया जाए। समिति की रिपोर्ट तैयार करने से पहले क्लॉज दर क्लॉज अमेंडमेंट पर चर्चा के लिए पहले 24 और 25 जनवरी की तारीख तय की गई थी, लेकिन कल गुरुवार की देर रात वो तिथि चेंज करके 27 जनवरी कर दी गई थी।
समिति में विपक्षी दलों के सांसदों की ये मांग थी कि क्लॉज बाय क्लॉज के लिए बैठक 27 जनवरी की जगह 31 जनवरी कर दिया जाए। समिति के अध्यक्ष विपक्षी दलों के सांसदों की मांग के लिए तैयार नहीं थे। पहले के तय कार्यक्रम के मुताबिक आज 24 जनवरी को क्लॉज बाय क्लॉज अमेंडमेंट एडॉप्शन किया जाना तय था लेकिन आज मीरवाइज फारूक के नेतृत्व में कश्मीर के मुस्लिम स्कॉलर्स को समिति के सामने बात रखने का मौका दिया गया। ये निर्णय कल रात को ली गई थी।
कार्यवाही से बाहर आए TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। उन्होंने मांग की कि 27 जनवरी को निर्धारित बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए। हालंकि, भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना की और कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
विपक्ष की ओर से लोकसभा में DMK के मुख्य सचेतक ए राजा ने 24 और 25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की है। जगदंबिका पाल को लिखे लेटर में राजा ने कहा- “यह कहने की जरूरत नहीं है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में जेपीसी के दौरे 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे। अजीब बात यह है कि तारीखों की घोषणा बिना जेपीसी की अगली बैठक जल्दबाजी में की गई, जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी।
बता दें कि समिति के 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्यों में से 13 विपक्षी दलों से हैं। निचले सदन में नौ और उच्च सदन में चार सदस्य हैं। माना जा रहा है कि समिति आगामी बजट सत्र में अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। वक्फ पर बनी इस समिति ने दिल्ली में 34 बैठकें की हैं और कई राज्यों का दौरा किया है, जहां 24 से अधिक हितधारकों को बुलाया गया था।
लखनऊ में हुई बैठक करने के बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि 24 जनवरी को JPC की आखिरी बैठक होगी। इसके बाद वे 31 जनवरी को होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में रिपोर्ट पेश होगी।पाल ने कहा- पिछले 6 महीने में हमने अकेले दिल्ली में 34 बैठकें की हैं। JPC सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं। मुझे उम्मीद है हमारी रिपोर्ट से लोगों को फायदा होगा।