महानदी मईया का जन्म महोत्सव 2025 का आयोजन किया गया…

राजिम विगत दिनों डॉ. राम विजय शर्मा इतिहासकार एवं पुरातत्वविद रायपुर भारत के नेतृत्व में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी महानदी मईया का जन्म महोत्सव 2025 राजिम के महानदी के पावन तट पर सादगी पूर्ण ढंग से तथा धार्मिक उत्साह से मनाया गया। इस अवसर पर राजपुरोहित पंडित अनुप दुबे ने वैदिक मंत्रौचार के साथ पूजा अर्चना कराये तथा यजमान के रूप में डॉ. राम विजय शर्मा पूर्व तहसीलदार राजिम, वरिष्ठ पत्रकार कमलेश्वर गोस्वामी, प्रकाश झा, नर्मदा बाई, चंद्रप्रकाश तथा समस्त महानदी सेवक रहे।
उल्लेखनीय है कि डॉ. राम विजय शर्मा ने वर्ष 2014 से 14 जनवरी के अवसर पर महानदी मईया का जन्म महोत्सव का आयोजन छत्तीसगढ़ एवं उडीसा के महानदी के तट पर स्थित शहरों तथा गांवो में मनाते हैं अन्य नदियों के तटो पर भी मनाते हैं। इस अवसर पर वृक्षा रोपण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। इस अवसर पर पूजा अर्चना के पश्चात् गेंदा के फूलों को महानदी में अर्पित किया गया। इस अवसर पर डॉ. राम विजय शर्मा ने बताया कि महानदी हजारों वर्षों से लाखों वर्षों से अपने जल से पशु पक्षी, मानव, वृक्ष, पुष्प, घास तथा समस्त जलीय जीवों का पालन पोषण कर रही है। महानदी से मछुवारा समाज का भरण पोषण तथा मल्लाह समाज का भरण पोषण हो रहा है। महानदी नहर से सिंचाई का कार्य तथा नगरो में जलापूर्ति हो रही है। अतः हम सभी पर महानदी का कर्ज है। अतः उनका जन्मोत्सव मनाकर हम भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ते हैं तथा उन्हें लगता है की मेरे पुत्रगण मुझे याद कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कोई भी चीज निर्जिव नहीं है, पत्थर, पहाड़, जंगल, फूल, घास सभी सजीव है तथा यदि हम सच्ची भावनाओं से उनकी सेवा करेंगे तो वे भी अपने पॉवर के अनुसार हम पर कृपा करते हैं, हमारे बच्चों पर कृपा करते हैं, समाज पर कृपा करते हैं तथा समाज और देश समृद्धशाली बनता है जिससे समाज और देश मजबूत तथा समृद्धशाली बनता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कामेश्वर गोस्वामी जी ने कहा की महानदी मईया का जन्म महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होकर हमें अपार खुशी हो रही है। मन और शरीर प्रसन्न हो रहा है। महानदी सफाई कार्यक्रम भी हम चलायेंगे और हम सभी शामिल होंगे।
इस अवसर पर राजपुरोहित पंडित अनुप दुबे, वरिष्ठ पत्रकार कामेश्वर गोस्वामी, प्रकाश झा, नर्मदा बाई, चन्द्रप्रकाश तथा ग्रामीण जन का एवं महिलाएँ तथा छोटे-छोटे बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए।