चीन को झटका, भारतीय कंपनियों की मौज, सरकार देगी 5 अरब डॉलर तक का ‘इनाम…

चाइनीज कंपनियों से रिश्ते खत्म करेगा एपल, हो रही भारतीय फर्म से नाता जोड़ने की तैयारी।
Apple पूरी तरह से भारतीय बनने की तैयारी कर रहा है।
एपल चाइनीज फर्म से नाता तोड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है और भारतीय टेक फर्म से रिश्ते जोड़ने की तैयारी चल रही है।
Apple ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) कंपनियों से कंपोनेंट्स सोर्स करने की संभावनाओं पर चर्चा शुरू की है।
एपल ने Dixon Tech, Amber Enterprises जैसी 40 से अधिक भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत की है।
इसके अलावा HCLTech, Wipro और Motherson Group जैसी कंपनियों को भी शामिल किया गया है।
भारत सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पुर्जों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 5 अरब डॉलर तक का प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य उद्योग को मजबूत करना और चीन से आयात पर निर्भरता को कम करना है।
■ पिछले छह सालों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन दोगुने से ज्यादा बढ़कर 2024 में 115 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें Apple और Samsung जैसी वैश्विक कंपनियों की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी का बड़ा योगदान है। भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन सप्लायर बन गया है।
■ यह योजना अगले 2-3 महीनों में लॉन्च की जा सकती है। इसमें वैश्विक या स्थानीय कंपनियों को 4-5 अरब डॉलर तक का प्रोत्साहन देने की उम्मीद है।
■ भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा तैयार की गई योजना के तहत उन पुर्जों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।
■ भारत का लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है, जिसमें 150 अरब डॉलर के पुर्जों का निर्माण शामिल है। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 89.8 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार उपकरण और इलेक्ट्रिकल उत्पादों का आयात किया, जिसमें से आधे से अधिक चीन और हांगकांग से मंगाए गए।
■ नई योजना प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स जैसे प्रमुख कंपोनेंट्स के प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करेगी, जिससे घरेलू वैल्यू एडिसन में सुधार होगा और अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए स्थानीय सप्लाई चेन्स को मजबूत किया जा सकेगा.
भारत के सेल्यूलर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के प्रमुख पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, “यह योजना ऐसे समय में आ रही है जब कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जिससे हमें इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन को ग्लोबल लेवल पर ले जाने में मदद मिलेगी.”