जीपी सिंह पर लगे सभी आरोपों को हाईकोर्ट ने किया खारिज, कहा-उन्हें परेशान करने झूठे मामलों में फंसाया, आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग के मामले में कोई ठोस सबूत नहीं….

जीपी सिंह पर लगे सभी आरोपों को हाईकोर्ट ने किया खारिज, कहा-उन्हें परेशान करने झूठे मामलों में फंसाया, आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग के मामले में कोई ठोस सबूत नहीं….

रायपुर।

छत्तीसगढ़ के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ दर्ज सभी तीन एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। इनमें आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग के मामले शामिल हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें परेशान करने के लिए झूठे मामलों में फंसाया गया था और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्हें तत्कालीन सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया था।

सोना भी इनका नहीं
इस मामले में राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जिस व्यक्ति से सोना जब्त किया गया था, उसे एसीबी ने आरोपी नहीं बनाया, बल्कि जीपी सिंह को झूठा फंसाया गया। जिस स्कूटी से सोना बरामद होने का दावा किया गया है, वह भी जीपी सिंह या उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है।

बदले की भावना से दर्ज किया गया
यह मामला सालों बाद बदले की भावना से दर्ज किया गया था, जो समझ से परे है। राजद्रोह के मामले में कुछ कटे-फटे कागजों के टुकड़ों के आधार पर जीपी सिंह पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था, जिनसे कोई साजिश साबित नहीं होती। एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है कि कागजों की रेडियोग्राफी से कोई भी स्पष्टता नहीं मिली है। उनके खिलाफ 2021 में एसीबी ने कार्रवाई की थी। उनके सरकारी आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद होने का दावा किया गया था।

राजद्रोह का दर्ज हुआ था केस
इसके बाद जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था, जिसमें उन पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। जुलाई 2021 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था और कुछ दिनों बाद उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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