पहली बार भारत में ऐसा होगा, टाटा विदेश में लगा रही है डिफेंस फैक्ट्री, जानिए क्या बनेगा…

पहली बार भारत में ऐसा होगा, टाटा विदेश में लगा रही है डिफेंस फैक्ट्री, जानिए क्या बनेगा…

नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर (Defense Sector) बड़ा ही स्पेशलाइज्ड सेक्टर है। इसमें अधिकतर विदेशी कंपनियों का दबदबा रहा है। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई भारतीय कंपनी विदश में डिफेंस मैन्यूफैक्चिरंग लाइन (Defense Manufacturing Line) बनाएगी। जी हां, यह खबर टाटा ग्रुप (Tata Group) की तरफ से आई है। ग्रुप की एक कंपनी विदेश में एक मेजर डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग लाइन स्थापित करने की राह पर है।

टाटा ग्रुप की कौन सी कंपनी है

टाटा ग्रुप की एक कंपनी है टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (Tata Advanced Systems Ltd)। टीएएसल की तैयारी कैसाब्लांका (Casablanca) में यह प्लांट बनाने की है। यह प्लांट शुरू में रॉयल मोरक्कन सशस्त्र बलों (Royal Moroccan Armed Forces) के लिए बख्तरबंद वाहन (Armoured vehicles) बनाएगा। यह कंपनी लंबे समय में अफ्रीकी बाजार के बड़े हिस्से को सर्व करने की योजना बना रही है।


डिफेंस सेक्टर बड़ा ही स्पेशलाइज्ड सेक्टर है। इसमें अधिकतर विदेशी कंपनियों का दबदबा रहा है। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई भारतीय कंपनी विदश में डिफेंस मैन्यूफैक्चिरंग लाइन बनाएगी।

टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड कैसाब्लांका में कारखाना लगाने जा रही है
वहा लगने वाले इस प्लांट में बख्तरबंद गाड़ियां बनाई जाएंगी
इन बख्तरबंद गाड़ियों की सप्लाई मोरक्कन आर्म्ड फोर्सेज को की जाएगी
यह कंपनी लंबे समय में अफ्रीकी बाजार के बड़े हिस्से को सर्व करने की योजना बना रही है।

टाटा ग्रुप की एक कंपनी है टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड। टीएएसल की तैयारी कैसाब्लांक में यह प्लांट बनाने की है। यह प्लांट शुरू में रॉयल मोरक्कन सशस्त्र बलों के लिए बख्तरबंद वाहन बनाएगा।

■  टाटा ग्रुप की इस यूनिट में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) का उत्पादन होगा। यह प्लेटफार्म एक उभयचर पैदल सेना लड़ाकू वाहन (Amphibious infantry combat vehicle) होता है। यह सभी प्रकार के इलाकों में नेविगेट करने में सक्षम होता है।
■  उस कारखाने में हर साल 100 कैम्बेट व्हीकल्स का उत्पादन करने में सक्षम होगा। प्लांट एक साल के भीतर काम करना शुरू कर देगा, जिसमें पहला WhAP 18 महीनों के भीतर शुरू होने का अनुमान है।
■  टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड इस तरह के कैम्बेट व्हीकल की सप्लाई भारतीय सेना को भी करती है। ये वाहन सीमित संख्या में भारतीय सेना के साथ सेवा में हैं। इन वाहनों को लद्दाख सीमा पर तैनात किए गए हैं।
■  व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म को TASL और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। मोरक्को द्वारा चुने जाने से पहले अफ्रीका के रेगिस्तानों में इसके कई गहन परीक्षण किए गए हैं।
■  टाटा व्हैप में Amphibious Drive Mode (एम्फीबियम ड्राइव मोड) दिया गया है, जिससे यह जमीन और पानी दोनों जगहों पर आसानी से चलाए जा सकते हैं। इसके साथ ही इसमें हाइड्रो-न्यूमैटिक स्ट्रट्स और स्वतंत्र सस्पेंशन मिलता है।
■  टाटा व्हैप में 10 से 12 लोग सफर कर सकते हैं। इसे टोही वाहन, पैदल सेना वाहक, या रसद वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
■  टाटा व्हैप की खासियत ये है कि ये दलदली इलाकों में भी चल सकता है और मजबूत इतना है कि लैंड माइन के विस्फोट को भी झेल सकता है।

भारत ने अतीत में प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों का निर्यात किया है और घरेलू स्तर पर वैश्विक खिलाड़ियों के साथ उत्पादों का निर्माण कर रहा है। लेकिन, किसी भारतीय कंपनी ने अब तक विदेशों में ऐसा नहीं किया है। यह मोरक्को में एक पूर्ण प्रमुख प्लेटफॉर्म का निर्माण करने में सक्षम पहला रक्षा संयंत्र भी होगा। इस संयंत्र में लगभग 350 लोग कार्यरत होंगे और काम का एक बड़ा हिस्सा भारत में भी किया जाएगा।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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