कोर्ट में दिखा पुलिस का भयावह चेहरा… रेप पीड़िता ने कहा कि ये आरोपी नही लेकिन पुलिस के दबाव में इसका नाम लिया..

रायपुर। राजधानी के विधानसभा थाना में दर्ज क्राईम नंबर 212/19 जिसमें कि पुलिस ने यह दावा किया था कि, चौदह वर्षीय किशोरी को बंधक बनाकर उससे देह व्यापार कराया गया था,और प्रकरण में धारा 366,376(3),370,370(क),34 के साथ साथ 6 पॉस्को एक्ट और अजाजजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(V)(क) जैसी भारी भरकम धाराएँ लगाई गई थीं, और प्रकरण में एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ़्तार किया था। उस मामले में पीडिता के कोर्ट में दिए बयान के बाद विधानसभा थाने की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
पीडिता की बीते 3 अक्टूबर को इस मामले में अजाजजा अत्याचार निवारण के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार होता के न्यायालय में गवाही हुई जिसमें पीडिता ने पुलिस की डायरी के अनुसार बलात्कार के आरोपी को यह कहते हुए पहचानने से इंकार कर दिया कि
“वह बलात्कार करने वाले व्यक्ति को पहचानती है, यह वो व्यक्ति नहीं है जिसने मेरे साथ बलात्कार किया था,वह व्यक्ति जिसने मेरे साथ ग़लत काम किया, उसकी क़द काठी तक इससे नहीं मिलती”
पीड़िता के इस बयान के बाद उससे यह पूछा गया कि, पुलिस के सामने आपने इसी व्यक्ति को आरोपी के रुप में क्यों पहचाना तो पीडिता ने कोर्ट से कहा
मुझे पुलिस ने कहा था कि हमने तुम्हें ले जाने वाली महिला से इसकी पहचान कराई है,यही है तुम पहचान करो तो मैंने कर दिया.. जबकि यह नहीं था”
पीड़िता से इस मसले पर देर तक सवाल जवाब होते रहे लेकिन वह इस बयान पर अडिग रही कि, न्यायिक हिरासत में बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार यह वह व्यक्ति नहीं है जिसने उसका रेप किया था।
प्रकरण में पुलिस की डायरी यह कहानी बताती थी कि, किशोरी को उसके परिजन हॉस्टल भेजना चाहते थे और वह वहाँ नहीं जाना चाहती थी तो उसने अपनी पूर्व परिचित महिला से संपर्क किया जो उसे रात को ले गई और एक परिचित के मकान में रख छोड़ा। जहां दो दिनों तक एक व्यक्ति आते रहा और उससे रेप करता रहा। पुलिस की केस डायरी के अनुसार रेप करने वाला एक ही व्यक्ति था और महिला ने रक़म लेकर किशोरी से दुष्कर्म कराया।
यह इसी बरस के मई महीने का बहुचर्चित मामला है, और पुलिस की यह समूची कार्यवाही मीडिया की सुर्ख़ियाँ भी बनी थीं। हालाँकि जबकि यह मामला दर्ज किया गया था, प्रकरण पर सवाल तब भी उठे थे। बहरहाल पीड़िता के कोर्ट में दिए बयान के बाद अब विधानसभा पुलिस ही सवालों के घेरे में है।