पुलिस की विवेचना में गंभीर चूक की वजह से हत्या के 6 आरोपी बरी, रायपुर कोर्ट की विवेचक और थानेदार के खिलाफ सख्त टिप्पणी, दोनों के खिलाफ विभागीय जाँच की अनुशंसा भी….

रायपुर। राजधानी के विधानसभा थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में हुई हत्या के मामले में पुलिस की विवेचना में गंभीर चूक की वजह से हत्या के आरोपित 6 आरोपियों को अदालत ने बरी तो किया लेकिन विवेचना अधिकारी लक्ष्मण कुमेठे और तत्कालीन थाना प्रभारी अश्वनी राठौड़ के खिलाफ सख़्त टिप्पणी करते हुए गृह सचिव को इस लापरवाही पर विभागीय जाँच संस्थित करने और विभागीय जाँच की रिपोर्ट से अदालत को अवगत कराने के आदेश जारी किए हैं।
मामला 27 अक्टूबर 2018 का है, जबकि परमानंद चतुर्वेदी नामक व्यक्ति का शव विधानसभा थाना क्षेत्र के डबरा खदान तालाब के पास मिला। पुलिस ने क्राईम नंबर 395/2018 क़ायम कर धारा 302 का अपराध दर्ज किया।
पुलिस ने विवेचना में यह पाया कि, मृतक परमानंद चतुर्वेदी की हत्या संपत्ति विवाद में की गई थी। इस हत्या में पुलिस ने परमानंद की चाची श्रीमती भगवती चतुर्वेदी समेत 6 को आरोपी बनाया और न्यायालय को पेश चालान में ब्यौरा दिया कि, हत्या जिन आरोपियों ने की,उन्हे इस हत्या के लिए रक़म दी गई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार
धारा 302,120 बी,201 के तहत अदालत में पेश किया।
अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अपने ही आरोप को समर्थन देने में असफल हो गई।अदालत ने अभियुक्तों को बरी करते आदेश पत्र में विवेचना कर्ता अधिकारी लक्ष्मण कुमेटी को लेकर टिप्पणी लिखी –
“प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्य के संपूर्ण विश्लेषण पश्चात इसमें कोइ संदेह नही रह जाता कि हत्या जैसे गंभीर अपराध में विवेचक लक्ष्मण कुमेटी द्वारा निम्नतम स्तर की विवेचना आरोपीगण को लाभ पहुँचाने की उद्देश्य से की गई प्रतीत होती है।”