ACB का छापा: जेल में निरुद्ध बंदी की पिटाई ना करने और खाना देने के नाम पर जेल प्रहरी ने माँगे दो लाख..दस हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ाया

ACB का छापा: जेल में निरुद्ध बंदी की पिटाई ना करने और खाना देने के नाम पर जेल प्रहरी ने माँगे दो लाख..दस हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ाया
रायपुर।
जेल को सुधारगृह केवल पढ़ने में भला लगने के लिए कहा जाता है, हकीकतन वहाँ चार दीवारी के भीतर जो हो रहा है, वह परिस्थितियों के फेर में अपराध कर बैठे या कि फंसा दिए गए ग़रीबों के लिए ऐसी त्रासदी भरी जगह है कि उससे बेहतर तो शायद उन्हें मृत्यु लगे। इन बंदियों को प्रताड़ित कर, उनके परिजनों से मोटी रक़म वसुली का खेल चलता रहता है। पर चुंकि परिजन अपने उस पीडि़त की चिंता में मुँह नहीं खोलते जो कि जेल में है तो मामला चर्चा में तो आता है पर सामने नहीं आता। लेकिन कटघोरा में एक महिला ने हिम्मत दिखाई और रक़म की लालच में पति को जेल में प्रताड़ित करने वाले को ही रंगे हाथ पकड़वाया और अपराध दर्ज करा दिया।
कोरबा ज़िले के कटघोरा थाना क्षेत्र के गाँव हुंकरा निवासी शंकरलाल रजक किसी प्रकरण में कटघोरा उप जेल में निरुद्ध है। शंकरलाल रजक की आए दिन उप जेल में पिटाई हो रही थी और जेल प्रावधान के अनुरुप उसे खाना तक नहीं मिल रहा था। शंकरलाल रजक ने यह बात पत्नी रोहनी को बताई, जिसके बाद रोहनी से उप जेल के जेल प्रहरी धीरेंद्र सिंह परिहार ने मुलाक़ात की और पिटाई ना करने और जेल मैन्युअल के अनुसार खाना और सामान्य क़ैदी को मिलने वाली सुविधा देने के एवज़ में दो लाख रुपए की माँग रखी। रोहनी ने नक़दी में असमर्थता ज़ाहिर की तो उसे कहा गया कि ज़मीन बेचकर दो। इस दो लाख की पहली किश्त दस हज़ार रुपए के रुप में देने की बात तय हुई।ACB ने प्रार्थिया रोहनी बाई को पैसे देने भेजा और जैसे ही जेल प्रहरी धीरेंद्र सिंह परिहार ने रिश्वत की रक़म ली उसे पकड़ लिया। ACB द्वारा इस मामले में आवश्यक कार्यवाही जारी है।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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