समाज में वही श्रेष्ठ है जिसकी कीर्ति अगर जीवित है : पाराशर जी महाराज

समाज में वही श्रेष्ठ है जिसकी कीर्ति अगर जीवित है : पाराशर जी महाराज


खरसिया । पितृमोक्षार्थ श्रीमद भागवत कथा का आयोजन नाहरीवाल परिवार खरसिया, रायपुर, नावापारा, बिर्रा द्वारा आयोजित की जा रहा है, जिसमे कथा वाचक पाराशर जी महाराज श्रीधाम वृंदावन के श्रीमुख से भागवत की बयार बह रही है। यह कथा 5 सितंबर को आरंभ हुई और 11 सितंबर तक अजित सिंह नगर में चलेगी ।
श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा में कथा व्यास पूज्य श्री पाराशर जी महाराज ने कहा स्वक्ष आचरण करने वाले व्यक्ति का जीवन वैभव एवं विलसता पूर्ण हो सकता है पर ऐसे व्यक्ति का इतिहास कभी नहीं बनता सब तुलसीदास कबीर दास कि भले ही कोई फैक्ट्री ना हो लेकिन इन महापुरुषों का नाम आज भी लोग बड़े श्रद्धा से लिया करते हैं समाज में वही श्रेष्ठ है जिसकी कीर्ति अगर जीवित है। हिंदुओं के मान बिंदुओं को समाप्त करने का लोगों ने लक्ष्य बना लिया है हमारे मान बिंदु गंगा, गाय गंगा को प्रदूषित किया जा रहा है गाय की प्रजाति को नष्ट किया जा रहा है जो कि हमारे हित एवं हमारे मन बिंदु की बात करें वह सांप्रदायिक है अन्य चाहे जितने राष्ट्र विरोधी कार्य करें वह धर्मनिरपेक्षता का परिचायक है । कथा व्यास पारासर जी ने कहां हमें देश हित में राष्ट्र विरोधी शक्तियों का मिलकर मुकाबला करना है। बलि वामन प्रसंग में महाराज जी ने कहाँ संसार में लोग माता लक्ष्मी या लक्ष्मी पति से मांगते है, लेकिन बलि के दरवाजे से त्रिलोकी नाथ ने जब मांगा तो राजा बलि ने त्रिलोक का दान कर दिया ।

Sunil Agrawal

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