IPS पूरन सुसाइड मामले में एक्शन, पद से हटाए गए रोहतक SP… फाइनल नोट में था नाम…

हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया. कुछ दिन पहले ही आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. खुदकुशी से पहले उन्होंने एक नोट छोड़ा था. इस नोट में बिजारनिया सहित आठ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर “जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का आरोप लगाया गया था.
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया है और बिजारनिया की नियुक्ति का आदेश अलग से जारी किया जाएगा. 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) ने मंगलवार को सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
पूरन की पत्नी ने की एफआईआर में संसोधन की मांग
पूरन के परिवार वालों ने आईपीएस अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति नहीं दी है. उनका शव 5 दिनों से शवघर में रखा गया है. वहीं मृतक पुलिसकर्मी की नौकरशाह पत्नी ने एफआईआर में अधूरी जानकारी पर सवाल उठाया है. मृतक पुलिस अधिकारी की पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने एफआईआर में “सभी आरोपियों के नाम सटीक रूप से दर्शाने” के लिए संशोधन की मांग की है.
जांच के लिए गठित की गई कमेटी
चंडीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को ‘आत्महत्या’ मामले की जांच” के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार एसआईटी का नेतृत्व करेंगे. वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने शाम को सेक्टर 24 स्थित अपने आवास पर अमनीत पी कुमार और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की. बाद में पत्रकारों से कहा, “मैं परिवार का दर्द साझा करने आया हूं. मैं उन्हें यह भी बताने आया हूं कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा.
पत्नी ने न्याय मिलने तक पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार
चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर को लिखे एक पत्र में अमनीत पी. कुमार ने एफआईआर में जोड़ी गई “एससी/एसटी एक्ट की कमजोर धाराओं” में संशोधन की भी मांग की है. पुलिस अधिकारी की पत्नी ने “न्याय मिलने” तक अपने पति के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है.
चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर शाम मृतक पुलिस अधिकारी के एक फाइनल सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट की कुछ धाराओं के आरोपों के साथ एक एफआईआर दर्ज की. मृतक पुलिस अधिकारी ने कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम लिए थे और विशेष रूप से हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर उत्पीड़न का उल्लेख किया था.