डिजिटल अरेस्ट’…रिटायर्ड कर्मचारी से 32 लाख की ठगी..कहा..‘आपका नाम केस में है’ और लूट लिया जीवन भर की कमाई…

डिजिटल अरेस्ट’…रिटायर्ड कर्मचारी से 32 लाख की ठगी..कहा..‘आपका नाम केस में है’ और लूट लिया जीवन भर की कमाई…

जांजगीर-चांपा। जिले में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है,  सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त एक बुजुर्ग कर्मचारी से ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर ₹32.54 लाख की ठगी की गई। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत दर्ज हुआ है और पुलिस ने इसकी विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुई ठगी?


पीड़ित तसर तसारकर देवांगन, जो वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे, को 3 मई को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को एक अधिकारी बताकर बताया कि उनका नाम मुंबई के एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस नरेश गोयल प्रकरण में जुड़ा हुआ है और उन पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ का आदेश जारी है। चूंकि वे वरिष्ठ नागरिक हैं, इसलिए गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाई गई है।

इसके बाद व्हाट्सएप के जरिए पीड़ित को एक फर्जी “डिजिटल अरेस्ट नोटिस” भेजा गया और कहा गया कि यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उनके सभी बैंक खातों की जांच होगी और उन्हें स्थानीय पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। इस भय और भ्रम में आकर पीड़ित ने ठगों के बताए अनुसार छह अलग-अलग किस्तों में ₹32,54,996 की राशि ट्रांसफर कर दी।

ठगों की चालबाज़ी
साइबर ठगी को बेहद योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। चार बार पैसे RTGS के माध्यम से और दो बार PhonePe एप्लिकेशन के ज़रिए ट्रांसफर कराए गए। शातिर ठगों ने पीड़ित के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और झूठे सरकारी दबाव में डालते हुए सारा पैसा हड़प लिया।

पुलिस की कार्रवाई
पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिन नंबरों से कॉल और मैसेज किए गए, उनकी ट्रैकिंग की जा रही है। साथ ही, जिन खातों में पैसे भेजे गए, उनकी भी जानकारी संबंधित बैंकों से मांगी गई है। रविवार होने की वजह से कुछ तकनीकी जानकारी मिलने में समय लग रहा है।

पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती या कोई गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक पूरे मामले की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।

जागरूकता के बावजूद शिकार बन रहे
पुलिस द्वारा लगातार डिजिटल ठगी से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। फिर भी वरिष्ठ नागरिक, विशेषकर सेवानिवृत्त कर्मचारी, ऐसे अपराधों का आसान शिकार बन रहे हैं। जीवन भर की मेहनत से संचित राशि चंद मिनटों में ठगों के हाथ चली जाती है।

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई या गिरफ्तारी संबंधी सूचना यदि फोन पर प्राप्त हो, तो पहले उसकी स्थानीय पुलिस या संबंधित विभाग से पुष्टि करें, और सीधे पैसे ट्रांसफर करने से बचें।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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