बुरे फंसे लालू यादव, चारा घोटाले में गबन हुए 950 करोड़ की वसूली के लिए कोर्ट जाएगी बिहार सरकार…

बुरे फंसे लालू यादव, चारा घोटाले में गबन हुए 950 करोड़ की वसूली के लिए कोर्ट जाएगी बिहार सरकार…

राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल बिहार सरकार ने बहुचर्चित चारा घोटाले में गबन हुए 950 करोड़ की वसूली के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में है. सरकार CBI और इनकम टैक्स विभाग से बातचीत कर घोटाले की राशि सरकारी खजाने में वापस लाने के प्रयास करेगी. इसके लिए वह सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भी बातचीत करेगी.

डिप्टी सीएम और सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि, हम हर संभव उपाय कर रहे हैं, ताकि यह राशि बिहार के खजाने में वापस आ सके. जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे, जांच एजेंसियों से बात करेंगे. सरकार के इस निर्णय के बाद बिहार की राजनीतिक में सियासी पारा बढ़ना तय माना जा रहा है.

हम ने फैसले का किया समर्थन


बिहार सरकार के इस पहल का मांझी की पार्टी हम ने सराहना किया है. पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने कहा है कि, चारा घोटाले का पैसा हर हाल में सरकारी खजाने में लौटना चाहिए. सिर्फ जेल और बेल के खेल से काम नहीं चलने वाला है. यह खेल भ्रष्टाचारी लोग खेलते हैं, जो जनता के बीच रहनुमा बनने का ढोंग करते हैं और सरकारी पैसे को लूटकर जनता को गुमराह करते हैं. बिहार सरकार की इस दिशा में उठाए जा रहे कदम वाकई बधाई के पात्र हैं.

राजद के खेल से जनता वाकिफ- हम
लालू परिवार पर निशाना साधते हुए हम प्रवक्ता ने कहा कि, यह परिवार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसमें लिप्त रहा है. ये लोग जनता की सहानुभूति पाने के लिए कभी जाति का कार्ड खेलते हैं, तो कभी खुद को मासूम साबित करने का नाटक करते हैं. लेकिन अब इनके खेल से जनता वाकिफ है. चाहे चारा घोटाले की रकम हो या किसी अन्य घोटाले की, हर हाल में वह पैसा जनता के खजाने में वापस आना चाहिए.

बिहार का सबसे बड़ा घोटाला है चारा घोटाला
चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार वाला कांड है. इसमें पशुपालन विभाग के नाम पर सरकारी खजाने से फर्जी बिलों के जरिए करीब 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई. इसे ही चारा घोटाला नाम दिया गया. यह घोटाला 1996 में तब सामने आया, जब चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और फर्जी दस्तावेजों का खुलासा किया. इसमें नकली पशुओं और चारा आपूर्ति के बहाने कोषागार यानी सरकारी खजाने से पैसे निकाले गए. मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव (जो उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे) सहित कई नेता, अधिकारी और आपूर्तिकर्ता शामिल थे. लालू यादव चारा घोटाला के पांच मामलों में सजायाफ्ता हैं.

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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