पांच हजार में बनवाई एमबीबीएस की डिग्री,कालाबाजारी में पकड़े गए डॉक्टर का हुआ खुलासा…

पांच हजार में बनवाई एमबीबीएस की डिग्री,कालाबाजारी में पकड़े गए डॉक्टर का हुआ खुलासा…
  • मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में लगातार नई परतें खुल रही हैं। इस मामले में शहर के निजी अस्पतालों में जांच करने वाले डॉक्टर ही फर्जी निकले हैं।
  • उन्होंने महज पांच हजार रुपये खर्च करके एमबीबीएस की डिग्री ली थी, जिसके बाद जबलपुर एसटीएफ ने फर्जी डिग्री बनाने वाले मास्टरमाइंड को दमोह से गिरफ्तार कर लिया।
  • आरोपी के कब्जे से दो प्रिंटर, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने 20 अप्रैल को चार रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पांच आरोपियों राहुल उर्फ अरुण विश्वकर्मा, राकेश मालवीय, डॉ. जितेंद्र सिंह ठाकुर, डॉ. नीरज साहू और सुधीर सोनी को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा नरेंद्र ठाकुर समेत उसके साथियों को भी कुछ दिन पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ा गया। एसटीएफ ने जब मामले की जांच की तो आशीष अस्पताल में कार्यरत आरएमओ डॉ. नीरज साहू की डिग्री संदिग्ध लगी। एमईएच कॉलेज से उसका सत्यापन कराया गया तो वह फर्जी निकली।

नरेंद्र ठाकुर से बनवाई थी फर्जी डिग्री

पूछताछ के दौरान नीरज साहू ने बताया कि उसकी फर्जी डिग्री नरेंद्र ठाकुर ने पांच हजार रुपये में बनवाई थी। नरेंद्र से जब इस मामले में पूछताछ की गई तो उसने अपनी और नीरज साहू की फर्जी डिग्री व मार्कशीट अपने दोस्त दमोह निवासी रवि पटेल से बनवाने की बात कबूली। इसके बाद एसटीएफ ने रवि पटेल को भी गिरफ्तार कर लिया। रवि ने बताया कि उसने एक डिग्री बनाने की एवज में पांच हजार रुपये लिए थे। वह फोटोशॉप के माध्यम से फर्जी डिग्री बनाता था। आरोपी की निशानदेही पर एक लैपटॉप, दो प्रिंटर जब्त किए गए।

Sunil Agrawal

Chief Editor - Pragya36garh.in, Mob. - 9425271222

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