कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने पर केंद्र पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, जज बोले- आप धृतराष्ट्र बने नहीं रह सकते

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कहा है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी समय पर दे। सुनवाई के दौरान केन्द्र ने कहा कि उसने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। केन्द्र ने बताया कि 4 राज्यों ने इन्हें अभी तक लागू नहीं किया है। केन्द्र के इस स्टैंड पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि आप असहाय नहीं हैं। आप इसे देखें कि आपके आदेश का पालन हुआ है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्य जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि डीएम एक्ट के तहत आपको शक्तियां मिली हुई हैं। इसलिए आप इस दिशा में कदम भी उठा सकते हैं। बता दें कि कोरोना संकट के बीच में स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में याचिकाकर्ता ने शिकायत की थी कि स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर क्वारंटीन पीरियड को छुट्टी के तौर पर ट्रीट किया जा रहा है और कर्मचारियों की सैलरी काटी जा रही है।
बता दें कि कोरोना माहमारी के इस संकट में डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी ही फ्रंटलाइन वॉरियर्स हैं। ऐसे में जब ये लोग माहमारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं, कई सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी समय पर नहीं मिलने की खबरें भी सामने आयी हैं। यही वजह है कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते जून माह में केन्द्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी का समय से भुगतान किया जाए। इसके बाद केन्द्र द्वारा इस मामले में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदशों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे। अब कोर्ट ने इस मामले पर फिर से सुनवाई की है और केन्द्र सरकार को फटकार लगायी है। बता दें कि कोरोना से लड़ाई के चलते अभी तक कई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।