छत्तीसगढ़ में कलेक्टर द्वारा रेप की दूसरी घटना पाठक से पहले एमआर सारथी को रेप केस में हुई थी जेल….

जशपुर कलेक्टर एमआर सारथी को रेप के मामले में 7 बरस की सजा हुई थी,जेल में ही उनकी मौत हो गई।
बिलासपुर के एडिशनल कलेक्टर विनोद का काटेला पर भी नौकरानी ने लगाया था रेप का आरोप
रायपुर। ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी आज एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जनक राम पाठक पर एक एनजीओ संचालिका ने अपने चेंबर में रेप करने का आरोप लगाया है। पाठक को हफ्ते भर पहले 27 मई को सरकार ने कलेक्टर से हटाकर राजधानी बुला लिया था। एनजीओ संचालिका पूर्व जनपद सदस्य रह चुकी है, उनका पति शिक्षाकर्मी है। एनजीओ के काम के सिलसिले में जांजगीर कलेक्टर से अक्सर उनकी मुलाकात होती थी, इस दौरान कलेक्टर से उसके ताल्लुकात बढ़ते गए।
महिला का आरोप है कि कलेक्टर ने एनजीओ का काम दिलाने का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया, उसके पति को भी ट्रांसफर कर जांजगीर में पोस्टिंग देने का आश्वासन दिया था। महिला का आरोप है कि कलेक्टर ने धोखा दिया न ही एनजीओ का काम दिलाया और ना ही उसके पति की पोस्टिंग कराई, ऊपर से उसे वे प्रताड़ित करने लगे। महिला ने पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर के पास पहुंचकर अपनी फरियाद की। आईएएस पर रेप के आरोप से ब्यूरोक्रेसी स्तब्ध हो गई। कलेक्टर न केवल जिले का मुखिया होता है, बल्कि जिला दंडाधिकारी भी होता है। ब्यूरोक्रेट्स भी मानते हैं कि यह एक शर्मनाक घटना है इसकी जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए। उधर एसपी ने उच्च अधिकारियों से परामर्श लेकर जांच के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ में कलेक्टर पर रेप का यह दूसरा मामला है, जसपुर के तत्कालीन कलेक्टर एमआर सारथी पर 2002 में वहां की आदिवासी होस्टल की अधीक्षिका ने रेप का आरोप लगाया था। तब छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की सरकार थी, सरकार ने इस घटना की जांच के लिए उस समय के डीआईजी डब्ल्यू एम अंसारी को जसपुर भेजा था। अंसारी ने 1 हफ्ते कैंप कर जांच की और अपनी रिपोर्ट में रेप की घटना को सही ठहराते हुए सारथी को दोषी ठहराया था। लेकिन सरकार को यह रिपोर्ट नागवार गुजरी किन्हीं कारणों से सरकार सारथी को बचाना चाहती थी। आईएएस लॉबी भी उस समय काफी स्ट्रांग थी। सरकार और आईएएस लॉबी के चलते सारथी पर निलंबन की भी कार्यवाही नहीं हुई, जबकि आदिवासी महिला न्याय की गुहार लगाती रही। सारथी के खिलाफ कड़ाई से जांच करने की कीमत डीआईजी अंसारी को चुकानी पड़ी, सरकार उन्हें उस नए जिले में दंतेवाड़ा का डीआईजी बनाकर भेज दिया जहां डीआईजी की कोई पोस्ट ही नहीं थी। उधर सारथी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चला जसपुर की निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी। सारथी ने इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने निचली अदालत की सजा बरकरार रखी। आखिरकार सारथी को रायपुर जेल जाना पड़ा जेल के दौरान ही बीमारी से उनकी मौत हो गई।
इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान 1998 में बिलासपुर के अपर कलेक्टर विनोद काटेला पर उनकी नौकरानी ने रेप करने का आरोप लगाया था नौकरानी ने पुलिस में शिकायत की थी आईएएस ने शादी का झांसा देकर डेढ़ साल में अनेक बार दैहिक संबंध कायम किया। काटेला का बाद में जबलपुर ट्रांसफर हो गया था।
