जान जाने पर अपराध माना जाएगा, ऑक्सीजन सप्लाई पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला…

दिल्ली। राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मचे हाहाकार के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन हो. साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि टैंकरों के लिए अतिरिक्त संरक्षण मुहैया कराई जाए. कोर्ट में सुनवाई के इतर ऑक्सीजन की कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि राज्यों को बिना रुकावट ऑक्सीजन मिलना चाहिए. ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होनी चाहिए. जमाखोरी करने वालों के खिलाफ राज्य एक्शन लें. साथ ही कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई के नए तरीके तलाशे जाएं।
अलग कॉरिडोर तैयार करे केंद्रः HC
ऑक्सीजन को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि हम सभी अन्य पक्षों को निर्देश देते हैं कि आदेशों का कड़ाई से पालन हो. इस आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा और इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना बनेगी और ऐसा होने गंभीर आपराधिक एक्शन लिया जाएगा. यह अपराध माना जाएगा. हाई कोर्ट ने कहा कि हम सभी अन्य पक्षों को निर्देश देते हैं कि वह अपने आदेशों का पालन करें. साथ ही केंद्र टैंकरों के लिए अतिरिक्त संरक्षण मुहैया कराए. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि केंद्र ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए एक अलग कॉरिडोर तैयार करे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से उन अस्पतालों की लिस्ट मांगी जिसमें ऑक्सीजन की कमी है. केंद्र ने इस दौरान कहा कि लिस्ट अभी देने के बजाय वो कुछ देर बाद भी लिस्ट दे सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार कुछ समय बाद भी रिपोर्ट दाख़िल कर सकती है. साथ ही केंद्र ने दिल्ली सरकार पर मामले को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमें कल करीब 80-82 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुआ और आज हमें एक मीट्रिक टन भी प्राप्त नहीं हुआ।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सरकार बेवज़ह इस मामले को सनसनीखेज बनाने में लगी है, इस मामले में संवेदनशील होने की जरूरत है,न की ट्वीट करके या सोशल मीडिया पर पैनिक फ़ैलाकर. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि हरियाणा से न देकर राउलकेला से ऑक्सीजन क्यों दी जा रही है।
एक और हॉस्पिटल ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा
दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट अभी टला नहीं है. गुरुवार को कुछ अन्य अस्पतालों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ताकि तुरंत मदद मिल सके. दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कहना है कि उसके अस्पताल में 172 में से 64 मरीजों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है. बता दें कि बीते दिन ही मैक्स अस्पताल ने हाईकोर्ट का रुख किया था।
उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए: HC
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘गिड़गिडाइए, उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते. बुधवार को दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत के संबंध में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये कड़ी टिप्पणी की थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे दिल्ली के हॉस्पिटल को किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए. हैरानी जताते हुए अदालत ने ये भी कहा कि केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा. अदालत ने नासिक में ऑक्सीजन से हुई मौतों का जिक्र भी किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उद्योग ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कई दिनों तक इंतजार कर सकते हैं, लेकिन यहां मौजूदा स्थिति बहुत नाजुक और संवेदनशील है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर टाटा कंपनी अपने ऑक्सीजन कोटे को डायवर्ट कर सकती है, तो दूसरे ऐसा क्यों नहीं कर सकते ? क्या इंसानियत की कोई जगह नहीं बची है ? ये हास्यास्पद है।